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12 वीं पास “नटवरलाल” ने सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बताकर किया फर्जीवाड़ा,देहरादून पुलिस ने दबोचा

देहरादून पुलिस ने एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश और केंद्र सरकार के मंत्रियों की डीपी का वाट्सएप्प पर दुरूपयोग कर धोखाधड़ी करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.
>भारत सरकार ने मंत्रियों और जस्टिस के नाम पर धोखाधड़ी
>सिम कार्ड ट्रू-कॉलर में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के नाम से सेव
> देहरादून सचिवालय में की थी वरिष्ठ आईएएस से मुलाकात
> फर्जी कागजात बनाकर कर चुके हैं ‘कबूतरबाजी’
> आयकर विभाग ने किया था 850 करोड़ वसूली आदेश
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून :

न्यायमूर्ति,महानुभाव एवं वरिष्ठ मंत्रियों के नाम का दुरूपयोग

देहरादून पुलिस को जानकारी मिली कि एक साइबर गिरोह जो कि माननीय न्यायमूर्ति / महानुभावों की फोटो अपने मोबाइल की डीपी पर लगा कर भारत सरकार के मंत्रालयों एवं राज्य सरकार के मंत्रालयों एवं विभिन्न वरिष्ठ अधिकारिगणों को अपने प्रभाव में लेकर आम लोगों से काम करवाने के एवज में ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं एवं जगह-जगह लाखों रुपए लोगों से काम करवाने के एवज में ले रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट जस्टिस की डीपी लगा उत्तराखंड के IAS को किया कांटेक्ट

जांच के दौरान पुलिस टीम को एक संदिग्ध मोबाइल नम्बर की जानकारी प्राप्त हुई, जो कि मनोज कुमार नाम के व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड होना ज्ञात हुआ.

इस नम्बर के द्वारा कुछ दिन पूर्व भी न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय की डीपी अपने मोबाइल पर लगा कर स्वंय को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बताते हुए शासन में तैनात एक वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी से काम कराने के लिए फोन एवं मैसेज की जानकारी मिली.

06-जुलाई-2022 को जब यह ‘नटवरलाल’ (व्यक्ति), एक अन्य व्यक्ति व दो महिलाओं के साथ सचिवालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से मिले तो उनके द्वारा भी स्वंय को उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बताने वाले इस व्यक्ति पर शक जाहिर किया गया था.

12 वीं पास ने की थी ”कबूतरबाजी”

पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर मनोज कुमार द्वारा बताया गया कि मैं और मेरा साथी राजीव अरोड़ा दोनों बचपन के दोस्त हैं.

मेरे द्वारा दिल्ली मॉडल स्कूल लाजपत नगर से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नौकरी तलाशने का प्रयास किया गया.

 मोदी रबर लिमिटेड में 05 वर्षों तक क्वांटिटी कंट्रोलर के रूप में नौकरी की,

लेकिन पर्याप्त पैसा न मिलने के कारण मैने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर पासपोर्ट व वीजा का कार्य भी किया.

इसके अलावा एम्बेसी में कई लोगों को विदेश भेजने के लिए फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें विदेश भी भेजा गया. बाद में एम्बेसी ने उक्त प्रकरण का संज्ञान लेकर हमारे खिलाफ चाणक्यपुरी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया।

उसके बाद हमारे विरुद्ध एम्बेसी में वीजा लगाने के लिए फर्जी कागजात इस्तेमाल करने के आरोप में कई और मुकदमे भी दर्ज हुए और उपरोक्त अपराधों में कई बार हम जेल भी गये, परन्तु कोई और काम नहीं मिलने के कारण हम लगातार इसी प्रकार से ठगी का काम करते रहे.

और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भेजी 850 करोड़ की वसूली

आरोपी मनोज कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 के आसपास मैने पुरवाई पान मसाला प्राइवेट लिमिटेड एवं पूर्वी प्रोडक्शन के नाम से कम्पनियां खोली एवं दोनों कंपनियों में व्यवसाय प्रारंभ किया.

 वर्ष 2017 में आयकर विभाग द्वारा सेंट्रल एक्साइज टैक्स न देने के जुर्म में करीब 265 करोड रुपए टैक्स चोरी करने का एवं पेनल्टी सहित कुल 850 करोड रुपए का टैक्स लगा दिया.

टैक्स न भरने के कारण मुझे जेल जाना पड़ा एवं 2017 से वर्ष 2020 तक मैं मेरठ जेल में बंद रहा.

महिला गीता प्रसाद ने दिया 50 लाख का लालच

आरोपी मनोज कुमार ने बताया कि उसकी मुलाकात एक महिला गीता प्रसाद से हुई.

जिस ने बताया कि देहरादून में मेरा एक क्लाइंट है, जिसकी जमीन खाली करानी है, अगर देहरादून में उसका काम हो जाए तो वह पार्टी 5000000/- (पचास लाख) रू0 तक दे सकती है.

पचास लाख रुपए के लालच में आकर मैंने एक नया सिम कार्ड लिया और अपने साथी राजीव अरोड़ा के साथ मिलकर हमने उस सिम कार्ड को ट्रू कॉलर में माननीय उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति के नाम से फीड किया.

उसके पश्चात हम देहरादून पहुंचे तथा दिनांक 1 जुलाई से 6 जुलाई तक देहरादून में ही रुके इस दौरान हमारी मुलाकात दो व्यक्तियों से हुई, जिनकी देहरादून में करोड़ों रुपए की जमीन थी जिसे खाली करवाना था तथा जिसके एवज में वह पार्टी पचास लाख रूपये देने को तैयार थी.

हमने उन्हें उनका काम करवाने के लिये उत्तराखण्ड शासन में तैनात एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से मिलवाने की बात कही तथा ट्रू कॉलर में फीड किये गये उक्त फर्जी नम्बर से हमने उत्तराखंड सचिवालय में तैनात उक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को मैसेज किया.

 स्वयं को उच्चतम न्यायालय का न्यायमूर्ति बताकर उनसे टाइम लेकर उक्त व्यक्तियों के साथ उनसे मिलने सचिवालय देहरादून गए। जहां उक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से मिलने के बाद हम वापस आ गए थे।

उक्त व्यक्तियों को हमारे द्वारा काम हो जाने का भरोसा दिलाया गया था, जिसके एवज में हमें तय की गयी रकम मिलनी थी परन्तु उससे पहले ही पुलिस द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिया गया।

देहरादून ने नोएडा से दबोचा ‘नटवरलाल’

प्रमाणित सूचना एवं तथ्यों के आधार पर दिनांक 9 जुलाई 2022 को पुलिस टीम द्वारा जनपद नोएडा, सेक्टर 50 महागुन मेपल सोसाइटी में रेड/दबिश डाली गई, जहां पर दो व्यक्ति मौजूद मिले.

 दोनों व्यक्तियों की तलाशी लेने पर उनसे प्राप्त मोबाइल फोनों को चैक किया गया तो दोनों व्यक्तियों के मोबाइल नंबर पर कई मंत्रालयों के नंबर एवं कई वीआईपी के नंबर सेव होना ज्ञात हुआ.

 मोबाइल नम्बरों से शासन केे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को न्यायमूर्ति /महानुभावों के नाम से मैसेज किया जाना प्रकाश में आया।

जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त मोबाइलों व सिम कार्ड को अपने कब्जे में लेकर मौके से दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिनके द्वारा पूछताछ में अपना जुर्म कुबूल किया गया.

आपराधिक इतिहास :-
1- अभियुक्त मनोज कुमार :-

01: मु0अ0सं0: 281/06 धारा: 419, 420, 34 भादवि थाना तुगलक रोड नई दिल्ली।
02: मु0अ0सं0: 188/98 धारा: 419, 420, 468, 471 भादवि थाना चाण्क्यपुरी नई दिल्ली।
03: मु0अ0सं0: 1061/99 धारा: 420, 468, 471,474,120बी भादवि व धारा 12 पास्पोर्ट अधि0 थाना लाजपत नगर नई दिल्ली।
04: मु0अ0सं0: 224/2002 धारा: 419, 420, 468, 471 भादवि व धारा 12 पासपोर्ट अधि0 थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
05: मु0अ0सं0: 55/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
06: मु0अ0सं0: 52/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
07: मु0अ0सं0: 59/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
08: मु0अ0सं0: 09/96 धारा: 419, 420,34 भादवि थाना चाणक्यपुरी नई दिल्ली।

2- अभियुक्त राजीव अरोडा:-

01: मु0अ0सं0: 224/2002 धारा: 419, 420, 468, 471 भादवि व धारा 12 पासपोर्ट अधि0 थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
02: मु0अ0सं0: 55/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
03: मु0अ0सं0: 52/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।
04: मु0अ0सं0: 59/2002 धारा: 419, 420, 468, 471, 120 बी भादवि थाना लोधी कालोनी नई दिल्ली।

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