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(दुधली) रामगढ़ के प्रसिद्द “दुधादेवी मंदिर” से चार मूर्तियां हुई चोरी

देहरादून के स्थानीय श्रद्धालुओं के केंद्र दुधादेवी के प्रसिद्ध मंदिर से चार मूर्तियां चोरी हो गयी हैं.
> प्राचीन मान्यताओं से जुड़ा है दुधादेवी मंदिर
> लक्ष्मी,पार्वती,गणेश,गौ माता की मूर्ति चोरी
> पत्थर पर खुद दूध अर्पित करती थी गायें
> प्रत्येक वर्ष होते हैं कईं धार्मिक कार्यक्रम
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून :

दिन में हुई मूर्ति चोरी

दूधली-क्लिमेंट टाउन क्षेत्र से लगते हुए श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र माँ दुधादेवी मंदिर से 4 मूर्तियों की चोरी हो गई है.

दरअसल दुधादेवी मंदिर समिति के द्वारा बारी-बारी से इस मंदिर की पूजा-अर्चना व रखरखाव की जिम्मेदारी निभाई जाती है.

मंदिर समिति के पदाधिकारी के द्वारा जब सुबह पूजा-पाठ करने के बाद वह शाम की पूजा के लिए पहुंचे तो देखा मंदिर से चारों मूर्तियां चोरी हो गई थी.

गाय करती थी दूध अर्पण

इस मंदिर से जुड़ा एक बेहद रोमांचक किस्सा है.

स्थानीय निवासी और व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश गुरुंग ने जानकारी देते हुए बताया कि पौराणिक समय में राजा राम की एक बड़ी गौशाला हुआ करती थी.
जिस गौशाला की गाय यहां आम के पेड़ के नीचे एक पत्थर पर अपने आप आकर दूध देती थी.
जिसे देखकर सभी आश्चर्यचकित रह जाते थे.
जिसके बाद इस गर्भ ग्रह को सुरक्षित करते हुए एक मंदिर का निर्माण करवाया गया है.

ये मूर्तियां हुई चोरी

इस मंदिर में माँ लक्ष्मी ,पार्वती और गणेश की छोटी-छोटी तीन पीतल की मूर्तियां स्थापित की गयी.
इसके अलावा चौथी गौमाता की मूर्ति तांबे और अष्ट धातु की बनी हुई स्थापित की गई थी.
मां दुधादेवी के मंदिर में प्रत्येक वर्ष गंगा दशहरे पर धार्मिक आयोजन के अलावा गेहूं की फसल कटने पर भी पूरिया बनाकर उसका भंडारा किया जाता है.

यह मंदिर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है.

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