उत्तराखंड में AI के माध्यम से “खाद्य क्रांति” पर फोकस
Focus on “Food Revolution” through AI in Uttarakhand
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज डीएवी महाविद्यालय में आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि कृषि के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके खाद्य उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और भोजन की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकता है।
जोशी ने कहा कि एआई के माध्यम से सटीक खेती की जा सकती है।
इससे फसल उत्पादन में सुधार, मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि और कीटों के प्रकोप को कम किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि नीति आयोग और IBM ने किसानों को वास्तविक समय में सलाह देने के लिए एआई का उपयोग करने के लिए एक समझौता किया है।
एआई की अपार संभावनाएं
कृषि मंत्री ने कहा कि एआई की अपार संभावनाएं हैं और इसे शिक्षा प्रणाली में भी शामिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग करके हम कई चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं, जैसे कि सिंचाई की कमी और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग।
देश की अर्थव्यवस्था में एआई का योगदान
जोशी ने कहा कि एआई का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और कृषि।
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एआई का उपयोग हमारे रचनात्मक और कलात्मक पक्ष को नुकसान न पहुंचाए।
संगोष्ठी का उद्देश्य
इस संगोष्ठी का उद्देश्य कृषि में एआई के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना और इस क्षेत्र में नए अनुसंधान को प्रोत्साहित करना था।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने एआई के माध्यम से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग करके हम खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं
और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।