DehradunEntertainmentNationalUttarakhand

First Uttarakhand Film IFFI-2021: उत्तराखंड में पलायन के संकट की पृष्ठभूमि में खिल रहे प्यार और दोस्ती की कहानी है ‘सुनपट’

First Uttarakhand Film IFFI-2021: गढ़वाली फिल्म सुनपट को गौरव हासिल हुआ है पहली उत्तराखंड की फिल्म होने का जिसे गोवा में आयोजित भारत के 52वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय पैनोरमा गैर-फीचर फिल्म खंड में प्रदर्शित किया गया

वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह

देहरादून :

पलायन से उपजे उत्तराखंड के सन्नाटे का चित्रण

सुनपट वह अकेलापन है, जिसे हम और यहां तक कि प्रकृति व पहाड़ भी उस समय महसूस करते हैं, जब आसपास के सभी लोग कहीं चले जाते हैं

यह त्यौहार के एक मैदान में उस खालीपन की तरह होता है, जब उत्सव समाप्त होने के बाद भीड़ उस जगह को छोड़ देती है

अपनी गढ़वाली फिल्म सुनपट में निर्देशक राहुल रावत ने Ghost Villages of Uttarakhand उत्तराखंड के घोस्ट विलेज (वैसा गांव जहां कोई नहीं रहता) में इस खालीपन और सन्नाटे को दिखाने की कोशिश की है

जो नौकरियों के लिए शहरी क्षेत्रों में अपने लोगों के पलायन के चलते बेजान हो गए

राहुल रावत ने कहा, “लंबे समय से अवसरों की कमी के कारण उत्तराखंड के लोग देश के अन्य हिस्सों में पलायन कर रहे हैं First Uttarakhand Film IFFI-2021

पलायन से बने घोस्ट विलेज 

विभिन्न सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण हुए इन पलायनों ने राज्य में लगभग 1500 घोस्ट विलेज बनाए हैं

4000 से अधिक गांवों में बहुत कम लोग बचे हैं और इससे इन क्षेत्रों में समाज, संस्कृति और परंपरा दांव पर लगी हुई है।

मैं यह कहानी कहना चाहता था और लोगों को बताना चाहता था कि पलायन कैसे मेरे राज्य में विनाश कर रहा है।”

इस फिल्म को बनाने के अपने अनुभव को साझा करते हुए रावत ने बताया कि यह फिल्म वास्तविक जीवन के लोगों से प्रेरित है, जिनसे वे पूरे राज्य में मुलाकात और उनसे बातचीत की

इस फिल्म के लिए कलाकारों को चुने जाने के बाद फिल्म की शूटिंग 20 दिनों में पूरी की गई

वहीं, इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर (डीओपी) वीरू सिंह बघेल ने शूटिंग को लेकर अपना अनुभव साझा किया किया

उन्होंने कहा, “हम सुबह जल्दी उठते थे और सूरज के प्रकाश की खोज में एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ की ओर दौड़ना पड़ता था, क्योंकि पहाड़ों पर सूरज (प्रकाश) बहुत जल्दी चलता है First Uttarakhand Film IFFI-2021

 इस फिल्म की पूरी कास्ट और क्रू (कर्मीदल) उपकरणों को एक जगह से दूसरे स्थान पर ले जाने में सहायता करती थी। मैंने पूरी फिल्म 2 एलईडी लाइट्स पर शूट की। कुल मिलाकर यह एक शानदार अनुभव था।”

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जगह पाने वाली उत्तराखंड की पहली फिल्म 

इस वार्ता में मौजूद फिल्म के सह-निर्माता रोहित रावत ने भी प्रतिनिधियों और मीडिया के साथ फिल्म बनाने के अपने अनुभव साझा किए।

सुनपट को गोवा में आयोजित भारत के 52वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय पैनोरमा गैर-फीचर फिल्म खंड में प्रदर्शित किया गया था और यह आईएफएफआई में जगह पाने वाली उत्तराखंड की पहली फिल्म थी First Uttarakhand Film IFFI-2021

इस फिल्म के बारे में

निर्देशक राहुल रावत की भारतीय पैनोरमा गैर-फीचर फिल्म सुनपट बारह वर्षीय अनुज और उसके दोस्त भर्तु की कहानी है,

जो यह पता लगाते हैं कि क्या लड़की पसंद करती है, उस पर कोई ध्यान देती है।

जैसा कि वे उसे प्रपोज करने के तरीकों की योजना बनाते हैं, उनकी इस यात्रा के जरिए हम देखते हैं कि सामाजिक-आर्थिक कारणों के चलते लंबे समय से चल रहे पलायन की वजह से उत्तराखंड के गांवों का बड़ा हिस्सा भावनात्मक आघात का सामना कर रहा है

‘सुनपट’ निराशा के समय खिल रहे प्यार और दोस्ती की कहानी है

राहुल रावत के बारे में

बतौर लेखक-निर्देशक परसेप्ट पिक्चर्स (प्रोडक्शन कंपनी) के साथ जुड़ने से पहले निर्देशक और निर्माता राहुल रावत ने प्रसिद्ध विज्ञापन-फिल्म निर्देशकों के साथ काम किया है

इसके बाद वे विज्ञापन से फिल्म की ओर चले गए, क्योंकि उनका मानना ​​था कि फिल्मों का लोगों पर जीवन बदलने वाला प्रभाव हो सकता है और उन्होंने इसे आगे बढ़ने के लिए सार्थक पाया।

राहुल रावत इससे पहले अमित शर्मा (बधाई हो के निर्देशक) के साथ काम कर चुके हैं।

लेखक, निर्देशक, सह-निर्माता, पटकथा लेखक और संपादक के रूप में सुनपट उनकी पहली फिल्म है

First Uttarakhand Film IFFI-2021

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!