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(Priyanka saini)
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान देने
वाले चार शिक्षकों को ‘‘डाॅ. भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार-2020’’ से सम्मानित किया।
जिन चार शिक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. मोहन चन्द्र पाण्डेय को वाणिज्य एवं प्रबंधन के क्षेत्र में,
एम.बी काॅलेज हल्द्वानी के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. शिव दत्त तिवारी को वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में,
पं. ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश के प्रो. (डाॅ.) सतेन्द्र कुमार को साहित्य के क्षेत्र में एवं
प्रो. डाॅ. संजय कुमार को इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. डी.एस. रावत के नाम पर उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के विज्ञान,
काॅमर्स, सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्नल (डाॅ.) डी.पी. डिमरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘उद्यमिता एवं हिमालय के प्रेरणादायक उद्यमी’’ का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय कार्य किये।
वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, शिक्षक, सम्पादक थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अहम योगदान दिया।
वे सरल स्वभाव एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव पहल किये।
डाॅ. भक्त दर्शन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये उत्कृष्ट योगदान के कारण राज्य सरकार ने उनके नाम पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के स्थानीय संसाधनों से किस तरह लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में सुधार लाया जा सकता है, इस विषय पर शोध की आवश्यकता है।
हम अपने प्राकृतिक संसाधनों एवं स्थानीय उपजों का कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकें।
इन क्षेत्रों में विभिन्न विषयों पर आधारित शोध हो।
प्रकृति ने देवभूमि उत्तराखण्ड को बहुत कुछ दिया है।
इसका सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर की शुरूआत की गई है।
पिछले 06 माह में इन सेंटरों से 06 करोड़ से अधिक की बिक्री हुई है
व इनमें कार्य करने वालों को 60 लाख से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ है।
राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक एवं
कृषकों को 03 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि अगले साल से डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार उनके जन्म दिवस के अवसर पर 12 फरवरी को दिया जायेगा।
जयहरीखाल डिग्री काॅलेज का नाम डाॅ. भक्त दर्शन के नाम पर रखा गया है।
पौड़ी जनपद में मुसेटी गांव में उनका स्मारक बनाया गया है, अब मुसेटी में डाॅ. भक्त दर्शन द्वार बनाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी डिग्री काॅलेजों में 93 प्रतिशत फैकल्टी है।
इसे जल्द शत प्रतिशत किया जायेगा।
उच्च शिक्षा में चार लाख छात्रों को बड़ी सौगात मिलने वाली है।
जल्द की हर डिग्री काॅलेज में 4जी कनेक्टिविटी और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन का जीवन दर्शन व्यावहारिक, राजनीतिक सुचिता, पहाड़ के प्रति समर्पित रहा।
उन्होंने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन के बारे में लोगों को अधिक जानकारी प्राप्त हो सके
इसलिए उनके जीवन एवं कार्यों पर आधारित जानकारी स्कूली पाठ्यक्रमों में होनी चाहिए।
इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनन्द वर्द्धन,
उच्च शिक्षा उन्नयन परिषद के उपाध्यक्ष बी.एस.बिष्ट, श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज,
दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के.कर्नाटक, उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ. कुमकुम रौतेला,
डाॅ. भक्त दर्शन की पुत्रियां श्रीमती निर्मला नेगी एवं श्रीमती मीरा चौहान आदि उपस्थित थे।