DehradunPoliticsUttarakhand

डोईवाला की 8 योजनायें शुरू नही,भाजपा का काम “सिर्फ झूठ बोलना”,कांग्रेस नेता गौरव सिंह ने जड़े आरोप

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) :

>डोईवाला कांग्रेस नेता गौरव सिंह ने उठाये डोईवाला क्षेत्र के ज्वलन्त मुद्दे
>प्रेस वार्ता कर साधा भाजपा सरकार पर निशाना,
>कहा भाजपा की घोषणाएं अनेक ओर कार्य सिर्फ एक- सिर्फ झूठे वायदे

डोईवाला विधानसभा प्रत्याशी गौरव सिंह ने आज प्रेस वार्ता कर कहा कि डोईवाला विधानसभा में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें भाजपा सरकार और डोईवाला विधायक द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।

जबकि भाजपा के घोषणा पत्र में जनता से इन समस्याओं के निराकरण का वायदा किया गया था।

लेकिन डोईवाला की भोली-भाली जनता के साथ अब वादा खिलाफी की जा रही है।

चुनावी घोषणा पत्र में इतने वायदे करने के बावजूद एक भी कार्य की शुरुआत नही की गयी है।

इन 8 योजनाओं पर काम शुरू नही

भाजपा सरकार द्वारा

1.डोईवाला में कैंसर हॉस्पिटल,
2. बस अड्डा,
3. कोस्ट गार्ड ट्रेनिंग सेंटर,
4. नेशनल लॉ कॉलेज,
5. सोंग नदी स्थित गूलर घाटी से कालूवाला तक पुल का निर्माण,
6. सुसवा नदी स्थित बुल्लावाला सत्तिवाला मार्ग पर पुल का निर्माण,
7. बालावाला में डिग्री कॉलेज का निर्माण,
8. डोईवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य
जैसी आठ मुख्य घोषणाओं पर अभी तक कार्य की शुरुआत नही की गई है।
डोईवाला की एकमात्र आईटीआई बंद, कछुए की चाल गर्ल्स हॉस्टल

इसके अलावा वर्ष 2012 के बाद लघु सिंचाई एवं सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की मरम्मत के लिए कोई बजट विभाग को नही मिला है। ओर इस समय सिंचाई नहरें पूरी तरह जर्जर हैं। जिससे किसानों को अपने खेतों में पानी ले जाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

डोईवाला में एकमात्र आईटीआई को बंद कर दिया गया.

वहीं डोईवाला डिग्री कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल का कार्य सुस्त गति से चल रहा है, जिसका लाभ कॉलेज की छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है।

स्टाफ कमी से लाचार डोईवाला हॉस्पिटल

गौरव सिंह ने कहा कि डोईवाला के एक मात्र सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से हटे एक वर्ष से ऊपर का समय हो गया है, परंतु अभी तक अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति नही की गयी।

ओर यह अस्पताल अब स्टाफ की कमी से स्वयं भी मरीज़ ओर लाचार बन चुका है।

जिसमें डोईवाला की जनता को उचित उपचार के लिए जूझना पड़ रहा है।

पेयजल की किल्लत से जूझ रही जनता

डोईवाला क्षेत्र के विस्थापित, भानियावाला, आर्य नगर, प्रेमनगर, रानी पोखरी, बड़कोट, लिस्ट्रा बाद, व पर्वतीय इलाक़ों के सनगांव, धारकोट, सिंधवाल गांव आदि गांव की जनता पेयजल की भारी किल्लत से जूझ रही है।

जबकि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाईप लाइनें भी बिछा दी गयी है।

ओर सरकारी तंत्र की ढीली चाल का खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

वन विभाग की नींद से त्रस्त किसान

अलावा बुल्लावाला, झबरवाला, दूधली, शिमलास ग्रांट, शात्तिवाला, रानीपोखरी, बड़कोट, कालूवाला, बड़ावाला, गूलर घाटी आदि क्षेत्रों में जंगली हाथी व जानवर किसानों की फसलों को आये दिन बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ओर डोईवाला नगर में बंदरों के काटने से नगर वासी पूरी तरह परेशान है।

परंतु भाजपा सरकार में वन विभाग पूरी तरह सो चुका है। ओर जनता की समस्याओं पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।

नदी कटान का मुद्दा

पिछले कुछ सालों से सुस्वा नदी, जाखन नदी, सोंग नदी से कृषि भूमि का बड़े स्तर पर कटाव हुवा है,

इससे अब आबादी क्षेत्र पर कटाव का बड़ा खतरा भी मंडराने लगा है

, लेकिन सरकार व डोईवाला विधायक द्वारा इन मुद्दों से पूरी तरह अनजान है, ओर इन समस्याओं की कोई पेरवी नही की जा रही है।

खोखली घोषणाएं

इसके अलावा डोईवाला में पार्किंग की समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया, जिससे कि हमेशा क्षेत्र में जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।

भाजपा सरकार द्वारा डोईवाला में पार्कों का निर्माण और खेल मैदान की तमाम घोषनाएँ की गई थी, जो कि पूरी तरह खोखली साबित हुई है।

आज बच्चों के खेलने के लिए डोईवाला में ना ही कोई अच्छा मैदान है, और ना ही कोई अच्छा पार्क है।

जबकि डोईवाला के युवाओं के लिए इसकी शख्त जरूरत है।

कम धनराशि आवंटन से विकास प्रभावित

भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर डोईवाला विधानसभा के कई गांव को देहरादून नगर निगम में व डोईवाला नगर पालिका में शामिल कर दिया गया, परंतु यहाँ अब विकास की स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है,

इसकी बड़ी वजह ग्राम पंचायत से कम धनराशि शहरी क्षेत्रों को दिए जाना है।

ओर वर्तमान में टूटी हुई सड़कों पर हल्की सी बारिश से जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे सड़कें अब हादसों की सड़कें बन चुकी है।

वहीं यहां की जनता को हर तरह के प्रमाण पत्र बनाने के लिए कठिनाईयों से जूझना पड़ रहा है। ओर डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत सबसे ज्यादा बिजली कटौती की जा रही है। जिससे व्यापारी वर्ग व आम जनता पूरी तरह परेशान है।

डोईवाला क्षेत्र में आवारा पशु जहां किसानों की फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, साथ ही आये दिन एक्सीडेंट की मुख्य वज़ह भी बन रहे हैं। जिसे सरकार को गम्भीरता से लेने की जरूरत है।

पोस्टमॉर्टेम हाउस और ट्रांसपोर्ट की मांग

वहीं कांग्रेस डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर सड़क व विद्यालयों के नाम रखे जाने की मांग करती है।

ताकि आने वाली पीढ़ी इन शहीदों को हमेशा याद रख सके।

इसके अलावा डोईवाला में पोस्टमार्टम सुविधा, विधानसभा के नगर क्षेत्र ओर ग्रामीण क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की कोंग्रेस मांग करती है।

क्यूंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कोई व्यवस्था न होने की वजह से डोईवाला की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

कोंग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार से कई बार मांग भी कर चुकी है, लेकिंग अभी तक जनता की इस समस्या का कोई समाधान नही किया गया है।

जबकि कांग्रेस सरकार द्वारा धारकोट, इठारना, दूधली, शेरगढ़ आदि ग्रामों तक बस चलाई गई थी, पर भाजपा सरकार ने इसे भी बंद कर दिया है।

आंदोलन की चेतावनी

इसके अलावा नकरौंदा क्षेत्र में दुल्हनी नदी पर एसटीपी प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिसका वहां की जनता लंबे समय से विरोध कर रही है। वहीं कॉंग्रेस भी इस प्लांट का विरोध करती है, ओर इस प्लांट के कार्य को बंद करने की मांग करती है।

इन सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस पूरी तरह गंभीर है, ओर जनता के साथ है।

इन सभी मांगों को लेकर अगर कांग्रेस के पदाधिकारीयों व कार्यकर्ताओं को सड़कों पर भी उतरना पड़ेगा, तो जनहित के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता सड़क पर उतरेगा।

अगर फिर भी डोईवाला की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कांग्रेस कार्यकर्ता उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!