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-रजनीश सैनी
देहरादून : जिला मजिस्ट्रेट डाॅ0 आर राजेश कुमार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि ऐसी घटनाएं जिनमें मृतक परिजनों द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम (शव परीक्षण ) न कराये जाने के मामलों में अन्तिम निर्णय जनपद देहरादून के सम्बन्धित उपजिला मजिस्ट्रेटों/ नगर मजिस्ट्रेट द्वारा अपने अपने क्षेत्रान्तर्गत लिया जाएगा।
यानि अब देहरादून जिले के अंतर्गत पोस्टमॉर्टेम न कराने के इच्छुक मृतक परिजन की प्रार्थना पर संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी (SDM) या नगर मजिस्ट्रेट अंतिम निर्णय दे सकेंगें।
जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने बताया है कि ऐसी घटनाएं, जिनमें मृतक के परिजनों द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम न कराये जाने का अनुरोध किया जाता है, के सम्बन्ध में पोस्टमार्टम न कराये जाने के लिए सम्बन्धित थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी (CO) की संस्तुति के आधार पर आदेश निर्गत किये जाते है।
जनपद देहरादून केे कई क्षेत्र पर्वतीय एवं सुदूवर्ती क्षेत्रों के अन्तर्गत आते है, ऐसे में यदि मृतक के परिजन पोस्टमार्टम न कराये जाने का अनुरोध करते है और पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम न कराये जाने की संस्तुति की जाती है तो सम्बन्धित परिजनों को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से सम्पर्क करना होता है।
जिससे मृतक के परिजनो को दुःखद क्षणों में अत्यन्त परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनहित में दण्ड प्रकिया सहिता की धारा 23 (2) में वर्णित अधिकारिता में दी गई शक्तियों के अधीन पूर्व में निर्गत कार्य वितरण आदेश के आधार पर दण्ड प्रकिया की धारा 174 (1) में उल्लिखित प्रकरणों के अतिरिक्त जांच अधिकारी/ थानाध्यक्ष की मृत्यु समीक्षक आख्या, जिसकी संस्तुति सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई हो, में उल्लिखित अनुरोध पर अन्तिम निर्णय जनपद देहरादूून के सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेटों/नगर मजिस्ट्रेट द्वारा अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत लिया जायेगा ।