DehradunUttarakhand

मानसून में पंचायत चुनाव पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल का सरकार पर हमला

Congress District President Mohit Uniyal attacks the government on Panchayat elections in monsoon

देहरादून,1 जुलाई 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में मानसून के चरम पर होने के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा पर कांग्रेस ने धामी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

परवादून जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहित उनियाल ने कहा है कि मानसून के खतरनाक दिनों में चुनाव करवाकर सरकार जानबूझकर प्रदेश की लाखों ग्रामीण जनता की जान जोखिम में डाल रही है.

उन्होंने सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर किन कारणों से त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के सात महीनों बाद भी चुनाव नहीं कराए गए.

प्रदेश में अस्त-व्यस्त जनजीवन, 108 सड़कें बंद

उनियाल ने मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि पिछले दो दिनों की शुरुआती बरसात में ही प्रदेश के हर इलाके का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

किसी भी इलाके में सड़क मार्ग सुरक्षित नहीं हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आपदा के कहर से कुछ लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आज के दिन प्रदेश भर में 108 सड़कें पूरी तरह से बंद हैं और 17 सड़कें आंशिक रूप से खुली हैं.

खतरे की आशंका को देखते हुए सरकार ने चारधाम यात्रा भी बंद कर दी है और स्कूलों की छुट्टी कर दी है.

ऐसे में राज्य सरकार का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने का निर्णय समझ से परे है.

नामांकन प्रक्रिया पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष उनियाल ने बताया कि 2 जुलाई से पंचायत चुनावों की नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी है, जो भारी बरसात के बीच में है.

सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि जुलाई के महीने में उत्तराखंड में मानसून चरम पर होता है और पिछले हर साल इस महीने कोई न कोई आपदा आई है,

ऐसे में सरकार जुलाई के महीने में निर्विघ्न चुनाव कराने की कल्पना कैसे कर रही है ?

चुनाव टालने की मंशा का आरोप

राज्य में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल सितंबर माह के अंत में समाप्त हो गया था.

उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सहित हर पर्वतीय राज्य में सितंबर से लेकर जून तक के सात महीने चुनाव करवाने के लिए सबसे अनुकूल होते हैं.

फिर आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी जो इन सुरक्षित महीनों में चुनाव न करवाकर चुनाव करवाने के लिए हर तरह से असुरक्षित जुलाई को ही चुना गया ?

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पिछले साल अक्टूबर के महीने से समय पर पंचायत चुनावों को करवाने की मांग कर रहे थे, परंतु राज्य सरकार नगर निकाय व पंचायत चुनाव टालती रही.

कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा हर हाल में पंचायत चुनाव टालना था.

सरकार ने इसी नियत से एक बार 6 महीनों के लिए पंचायतों में प्रशासक बैठाए, फिर यह कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकार मई के महीने अध्यादेश के द्वारा पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाना चाहती थी.

उस नियम विरोधी अध्यादेश को राजभवन ने संवैधानिक और विधाई बाध्यताओं के कारण पास नहीं किया.

इसलिए सरकार मजबूरी में उफनती बरसात में चुनाव करवाने को मजबूर है.

प्रत्याशियों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न

जिला कांग्रेस अध्यक्ष उनियाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारी बरसात में जब प्रदेश के अधिकांश सड़क मार्ग टूटे होंगे तो प्रत्याशी, जिनमें पचास प्रतिशत महिलाएं हैं, वे कैसे नामांकन कराने आएंगी और कैसे आपदा के समय प्रचार करेंगी ?

उन्होंने आगे कहा कि चुनाव प्रक्रिया में हजारों प्रत्याशी, उनके समर्थक और कर्मचारी घरों से बाहर निकलते हैं, क्या सरकार उनकी सुरक्षा की गारंटी लेगी ?

कांग्रेस पार्टी ने आशंका व्यक्त की है कि राज्य सरकार और भाजपा बरसात और भीषण परिस्थितियों का लाभ लेकर चुनावों को अपने पक्ष में करा सकती है.

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!