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जीरो टॉलरेंस : सीएम धामी का ”रिश्वतखोरी” पर करारा प्रहार,टैक्स अधिकारी “सेवा से बर्खास्त”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मामले में एक के बाद एक कड़े फैंसले ले रहे हैं इसी कड़ी में उत्तराखंड के राज्य कर अधिकारी को रिश्वत के मामले में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
> राज्य कर अधिकारी सेवा से बर्खास्त
> रिश्वत लेने के आरोप में बड़ी कार्रवाई
> मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी शिकायत
> व्यापारी अनिल माटा ने की थी शिकायत
> जेब से जबरन 9500 रुपये निकाले थे
> गूगल-पे से ली थी 20 हजार रुपये रिश्वत
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : मुख्यमंत्री धामी की बड़ी और कड़ी कार्रवाई

घूसखोरी के मामले में धामी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।

रिश्वत लेने के आरोप में राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार को बर्खास्त को कर दिया गया है।

दरअसल, देहरादून के आशा रोड़ी चेक पोस्ट पर हरियाणा से देहरादून आ रहे वाहनों की चेकिंग करने पर राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार ने रिश्वत की मांगी थी।

इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई। जिसके बाद विभागीय जांच में अनिल कुमार के खिलाफ आरोप सही पाए गए।

कुछ माह पूर्व विभाग में अनिल कुमार को निलंबित कर राज्य कार्यालय हल्द्वानी में संबद्ध किया था। अब सरकार ने अनिल कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।

सीएम पोर्टल पर हुई थी शिकायत 

राज्य कर आयुक्त ने राज्य कर अधिकारी अनिल कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है।

सीएम पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद विजिलेंस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया था।

वह पहले भी गिरफ्तार हुए थे, लेकिन जमानत पर रिहाई के बाद दोबारा सेवाएं दे रहे थे।

देहरादून के व्यापारी ने की थी शिकायत 

साल 2020 में राज्य माल और सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया था।

देहरादून के आशारोड़ी चेकपोस्ट (मोबाइल दस्ता) पर तैनात एक अधिकारी पर एक मालवाहक को रुकवाकर जबरन वसूली करने का आरोप लगा था।

अधिकारी ने एक खाते में भी 20 हजार रुपये की रकम भी डलवाई थी।

माल मंगाने वाले हनुमान चौक के कारोबारी ने इस मामले में सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी।

ई-वे बिल पर मंगाया था माल फिर भी वसूली रिश्वत 

सीएम पोर्टल पर हनुमान चौक के व्यापारी अनिल माटा की ओर से दर्ज शिकायत में लिखा था कि 15 फरवरी को उन्होंने हिसार से अस्पतालों में कूड़े में प्रयुक्त होने वाले थैले मंगाए थे।

उनका मालवाहक वाहन (एचआर 39सी 7088) देर रात आशारोड़ी चेकपोस्ट पर पहुंचा, तो वहां तैनात एक अधिकारी ने वाहन को रुकवा दिया।

माल ई-वे बिल पर मंगाया जा रहा था।

हालांकि, तय समय (रात एक बजकर 30 मिनट) तक ई-वे बिल का पार्ट-बी फाइल नहीं था। माल भेजने वाले कारोबारी ने तड़के तीन बजे के आसपास इसे भी अपडेट कर दिया।

जेब से निकाले 9500 रुपये जबरन

गूगल-पे पर अलग से वसूली रिश्वत

आरोप है कि इसके बाद भी संबंधित अधिकारी ने वाहन नहीं छोड़ा था और वाहन चालक की जेब से जबरन 9500 रुपये निकाल लिए थे।

साथ ही और पैसे की मांग की गई थी। चालक ने माल भेजने वाले कारोबारी को फोन कर पूरी स्थिति बताई थी और माल भेजने वाले कारोबारी से भी अधिकारी की बात कराई थी।

कारोबारी ने जब यह कहा कि चालक के पास और पैसे नहीं हैं तो अधिकारी ने एक बैंक अकाउंट नंबर दे दिया था।

कारोबारी ने अकाउंट नंबर पर गूगल-पे से 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। तब जाकर अधिकारी ने वाहन को आगे जाने दिया था।

 

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