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काम की खबर : ऋषिकेश “एम्स की इमरजेंसी सेवा” में हुआ बड़ा बदलाव

ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने इमरजेंसी विभाग की सेवाओं में विस्तार किया है.
इमरजेंसी में अब 40 बेड उपलब्ध होंगें अब ’पेशेंट रिसिविंग बे’ से गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार में आसानी होगी.
>एम्स में पेशेंट भर्ती और रिसीव करने में सुविधा
>एम्स की इमरजेंसी में अब कुल 40 बेड उपलब्ध
>इमरजेंसी में एक समय में 40 मरीजों का उपचार
>मरीज ने किया ’पेशेंट रिसिविंग बे’ का उद्घाटन
>6 वेन्टिलेटर बेड और 4 रिसेसिटेशन बेड बढ़ाए
>12 बेड रेड एरिया,12 बेड येलो एरिया के लिये
> गंभीर मरीजों के लिए 6 आईसीयू बेड व्यवस्था
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून : एम्स ऋषिकेश की इमरजेंसी में पेशेंट को रिसीव व भर्ती करने में अब और आसानी होगी। नई सुविधा से मरीज के इलाज में विलम्ब नहीं होगा और उसे तत्काल इलाज की सुविधा मिल सकेगी.

अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा करते हुए इमरजेंसी विभाग का विस्तारीकरण कर ’पेशेंट रिसिविंग बे’ सुविधा शुरू की गई.

आपात स्थिति के मरीजों के इलाज में समय की महत्ता को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने मंगलवार से इमरजेंसी विभाग की व्यवस्थाओं में बदलाव कर मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं।

सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होने से जहां इमरजेंसी गेट तक पहुंचने वाले मरीज का अब बिना समय गंवाए तत्काल इलाज शुरू किया जा सकेगा, वहीं इमरजेंसी विभाग में एक ही समय में अब एक साथ 40 मरीजों का परीक्षण एवं उपचार किया जा सकेगा।

इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने मंगलवार को विस्तारीकरण के तहत इमरजेंसी के ’पेशेंट रिसिविंग बे’ का एम्स अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज से रिबन कटवाकर शुभारंभ कराया। उन्होंने इस सुविधा को गंभीर मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।

निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था से पेशेंट को अस्पताल की इमरजेंसी में रिसीव करने और उसे ट्रॉयज करने में आसानी होगी। साथ ही बहुत ही कम समय में आपात स्थिति के मरीज का तत्काल इलाज शुरू किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी का नया एरिया पूर्ण तौर से सीसीटीवी की निगरानी में है, लिहाजा अब मरीजों के इलाज और स्टाफ द्वारा मरीजों के साथ किए जाने वाले बर्ताव को भी मॉनिटर किया जा सकता है।

नई व्यवस्था के तहत ’पेशेंट रिसिविंग बे’ में अब मॉनिटर की सुविधा युक्त 6 वेन्टिलेटर बेड और 4 रिसेसिटेशन बेड बढ़ाए गए हैं।

बेड बढ़ाए जाने से अब एम्स की इमरजेंसी में बेडों की संख्या 40 हो गई है।

गौरतलब है कि अभी तक एम्स की इमरजेंसी में कुल 30 बेडों की व्यवस्था थी।

इनमें 12 बेड रेड एरिया और 12 बेड येलो एरिया के अलावा गंभीर मरीजों के लिए 6 आईसीयू बेड शामिल हैं।

डा.पूनम अरोड़ा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम को संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन ) ले. कर्नल एआर मुखर्जी, डीन एकेडेमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित त्यागी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, जनरल मेडिसन विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी धर, जनरल सर्जरी के एचओडी प्रो.सोमप्रकाश बासु, फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र हांडू, डा.नीरज कुमार, डा.मधुर उनियाल, डा.पंकज शर्मा, इमरजेंसी विभाग की एचओडी डॉ. निधि केले,डॉ. पूनम अरोड़ा,डॉ. सुब्रह्यण्यम, सीएनओ डा.रीटा शर्मा, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय सहित कई फैकल्टी सदस्य व नर्सिंग ऑफिसर्स मौजूद थे।

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