जॉलीग्रांट हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डाॅ. रंजीत कुमार ने दिया मरीज को नया जीवन

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देहरादून: हिमालयन अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग ने
पौड़ी गढवाल के 50 वर्षीय गोपाल की ब्रेन सर्जरी कर उसकी जान बचाई।
गोपाल ने बताया कि कई दिनों से उसे सिर में दर्द महसूस हो रहा था,
वह पौड़ी व आस-पास के अस्पतालों में अपने को दिखाकर वहां के
चिकित्सकों की दवाईयां ले रहा था।
गोपाल अपने रिश्तेदारों की सलाह पर हिमालयन अस्पताल के इंमरजेंसी में आया
गोपाल को लगातार सिर में तेज दर्द की शिकायत हो रही थी।
जिसके बाद वह हिमालयन अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग से डाॅ. रंजीत कुमार को मिला।
डाॅ. रंजीत कमार ने गोपाल की कुछ जरूरी खून की जांच करवाने के साथ सिटी स्कैन करवाया
सिटी स्कैन में पाया गया कि रोगी की दिमाग में खून की नलियों में छोटे-छोटे गुब्बारे बन गए हैं।
चिकित्सकीय भाषा में इसे अन्यूरिस्म कहते हैं।
न्यूरो सर्जन डाॅ. रंजीत कुमार ने बताया कि समय रहते
सर्जरी न करने पर इस बीमारी में मरीज की जान को खतरा रहता है।
अन्यूरिस्म नामक बीमारी में दिमाग में रक्त प्रवाह करने वाली खून की नलियों
में गुब्बारे बनने से उनके फटने का खतरा बना रहता है।
डाॅ. रंजीत ने कुमार ने बताया कि रोगी की जान बचाने के लिए
उन्होंने ब्रेन सर्जरी करने का फैसला लिया।
सर्जरी माइक्रस्कोप की मदद से की गई।
सर्जरी को सफल बनाने में एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष डाॅ. वीना अस्थाना,
न्यूरो सर्जरी विभाग की टीम से डाॅ. ब्रिजेश तिवारी व डाॅ. संजीव पाण्डेय का सहयोग रहा ।
न्यूरो सर्जन डाॅ. रंजीत कुमार के अनुसार यह सर्जरी अंत्यंत जटिल थी
यह एक ब्रेन सर्जरी थी ब्रेन का हिस्सा मनुष्य के शरीर में
अन्य अंगों की तुलना ज्यादा नाजुक हेाता है।
रोगी की अगर समय रहते सर्जरी न की जाती तो उसकी जान को खतरा था।