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डोईवाला में “भौंकने वाले हिरण” की मौत

> डोईवाला के सत्तीवाला में हुई सड़क दुर्घटना
> वन्यजीव की वाहन की चपेट में आने से मौत
> “भौंकने वाले हिरण” के मुँह पर लगी टक्कर
> मृत वन्यजीव का कराया जा रहा है पोस्टमॉर्टेम

नीचे पढ़िये “भौंकने वाले हिरण” की 3 ख़ास बातें

The “barking deer”, one of the primitive animals of the world, has died in a road accident in Sattiwala, Doiwala today.

विश्व के आदिम जानवरों में शुमार “भौंकने वाले हिरण” की आज डोईवाला के सत्तीवाला में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी है

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रातः लगभग 7:45 बजे डोईवाला के सत्तीवाला टोंगिया गांव के नजदीक एक “भौंकने वाला हिरण”  सड़क पार कर रहा था इसी दौरान वह सड़क पर दौड़ रहे एक वाहन की चपेट में आ गया.

इस वाहन की टक्कर से उसके मुंह पर गंभीर चोट लगी जिसकी वजह से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया

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रजनीश प्रताप सिंह तेज

3 ख़ास बातें “भौंकने वाले हिरण” की

(1) सबसे पुराना -सबसे कम गुणसूत्र

भौंकने वाले हिरण Muntiacus muntjac की गिनती हिरणों के विकास के क्रम सबसे पुरानी मानी जाती है.

भारतीय काकड़ अपने सबसे कम गुणसूत्र के लिए भी जाने जाते हैं जहां नर काकड़ में 7 (Seven chromosome) तो मादा काकड़ में मात्र 6 गुणसूत्र (Six Chromosome) होते हैं

जबकि इसके मुकाबले चीनी काकड़ में 46 गुणसूत्र होते हैं

(2) मुँह पर दिखता है “छेद” जैसा

भारतीय काकड़ के मुँह पर दरअसल एक छेद दिखायी पड़ता है जो वास्तव में एक “छेद” नहीं होता है

बल्कि एक सुगन्धित ग्रंथिया Face Scent Glands होती है जिनकी सहायता से मंटजेक अपने-अपने क्षेत्रों को चिन्हित करता है

(3) क्यूं कहते हैं “भौंकने वाला हिरण”

कईं दफा घने जंगलों से कुत्ते के तेज-तेज लगातार भौंकने की आवाजें आती हैं

ऐसा जरुरी नही कि वह वास्तव में कोई कुत्ता हो बल्कि वह “भारतीय काकड़” अथवा “भोंकने वाला हिरण” भी हो सकता है

यह लगातार कईं घंटों तक भौंक सकता है

इसे लाल काकड़,भारतीय काकड़ अथवा भौंकता काकड़ भी कहा जाता है

….अब वापस लौटते हैं डोईवाला की खबर पर 

इस दुर्घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने मृत Barking deer Muntiacus muntjac  को अपने कब्जे में ले लिया.

इसकी आयु लगभग डेढ़ से 2 वर्ष बताई जा रही है.

वन्य कानून के अनुसार मृत वन्यजीव शरीर का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है इसके बाद नियमानुसार इसे एक गड्ढे के भीतर दफनाया जाएगा.

इस सड़क दुर्घटना में भौंकता काकड़ को टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं चल पाया है.

 

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