Dehradun

“जल संस्थान डोईवाला मुर्दाबाद” के ग्रामीणों ने लगाये नारे

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : जल संस्थान डोईवाला की कार्यशैली के खिलाफ आम जनता में असंतोष पनप रहा है

जिसके चलते आज सामाजिक कार्यकर्त्ता और अधिवक्ता साकिर हुसैन के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुये डोईवाला “जल संस्थान मुर्दाबाद” और “जल संस्थान होश में आओ” के नारे लगाये हैं

आम जनता के बीच जल संस्थान डोईवाला लगातार अपने कर्तव्यों के पालन में लापरवाही ( Negligence and Derelection of Duty) के लिये जाना जा रहा है

उच्च अधिकारियों के द्वारा की जा रही नजर अंदाजी और कर्तव्यों के उल्लंघन (Breach of Duty) का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है

जल संस्थान डोईवाला अपने दायित्वों के निर्वाहन में गंभीर प्रकृति के दोषों (Defects of Serious nature) से ग्रसित प्रतीत हो रहा है

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

नगरपालिका क्षेत्र डोईवाला के चांदमारी बंजारा बस्ती के पास पानी की लाइन दुरुस्त न होने से आज ग्रामीणों ने उक्त स्थान पर जल संस्थान के विरुद्ध नारे बाजी कर अपना रोष व्यक्त किया

और जल संस्थान मुर्दाबाद के नारे लगाए 

सामाजिक कार्यकर्ता साकिर हुसैन ने बताया के चांदमारी में बंजारा बस्ती के पास दो स्थानों पर लगभग 3 महीने अधिक से पानी की पाईप लाईन टूटी पड़ी हुई है

जिसके बारे में जल संस्थान को कई बार ज्ञापन व फोन के माध्यम से सूचना प्रेषित की हुई है

साकिर हुसैन ने बताया कि लगातार जल संस्थान को उक्त लाइन को दुरुस्त करने के लिए कहा जा रहा है

लेकिन जल संस्थान कार्य करने को तय्यार नही है

जल संस्थान मात्र आश्वासन देकर टाल दे रहा है

वहीं स्थानीय निवासी आजाद सिंह राठौर ने कहा के हमे प्रत्येक दिन इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है

गंदगी, कीड़े ,काई मिट्टी आदि पीने के पानी में आ रही है

जल संस्थान को बार बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है

उन्होंने कहा की यदि उक्त लिकिज को शीघ्र दुरुस्त नहीं किया

तो ग्रामीण मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी जल संस्थान की होगी

आग बुझाने को नही मिला पानी

दो रोज पहले डोईवाला में हुए अग्निकांड में 3 दुकाने जलकर स्वाह हो गयी

इस दौरान जल संस्थान डोईवाला से अग्निशमन दल को फायर टेंडर को भरने (Refill) के लिये जल नही मिल पाया

जिससे अग्नि शमन करने के कार्य में अनावश्यक विलंब हुआ है

इससे निजी सम्पत्ति को नुकसान हुआ है जिसे न्यून किया जा सकता था

 

 

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