DehradunPoliticsUttarakhand

मंत्री रेखा आर्य का कड़क अंदाज,IAS सचिन कुर्वे की गोपनीय प्रविष्ठि (CR) की फाइल की तलब

सूबे की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने एक बार फिर अपना कड़क अंदाज दिखाया है उनके अनुमोदन के बिना सचिव के द्वारा विभागीय ट्रांसफर पर उन्होंने अपना सख्त रुख अपनाया है.
> मंत्री रेखा आर्य ने तलब सचिव की सीआर की फाइल
> धामी सरकार में नही चलने दिया जायेगा “इंस्पेक्टर राज”
> सचिन कुर्वे को नही है ट्रांसफर एक्ट की पूर्ण जानकारी
> सचिन कुर्वे के आचरण से सीएम को कराया अवगत

वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम

यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : 

गोपनीय प्रवष्टि से सम्बंधित मूल पत्रावली तलब 

 मंत्री रेखा आर्य ने सचिव कार्मिक को पत्र द्वारा खाद्य विभाग के सचिव एवं आयुक्त सचिन कुर्वे की गोपनीय प्रवष्टि से सम्बंधित मूल पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है.

गौरतलब है कि दिनांक 20/06/2022 को आयुक्त खाद्य सचिन कुर्वे द्वारा जिलापूर्ति अधिकारी नैनीताल को अनिवार्य अवकाश पर भेजने का आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन कराए बिना दिया जाता है,जिसके क्रम में मंत्री रेखा आर्या द्वारा उनसे उस आदेश को निरस्त करने एवं उसका अनुमोदन न कराए जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगे जाने हेतु पत्र लिखा जाता है.

उक्त पत्र पर सचिव सचिन कुर्वे विभागीय मंत्री रेखा आर्या के निर्देश मानने के बजाय उसी दिन आनन फानन में स्थानांतरण समिति की बैठक अपर आयुक्त की अध्यक्षता में दिनांक 22/06/2022 को प्रातः 11:00 बजे आहुत कर लेते हैं.

और 22/06/2022 को ही बैठक कर कार्रवाही भी पूर्ण कर ली जाती है.

आनन-फानन में बनाये मीटिंग के मिनट्स

बैठक के मिनिट्स भी इतनी जल्दी में बनाये जाते हैं कि उसपे 22/06/2022 की बजाय 22/06/2019 की दिनांक डाल दी जाती है, सभी सम्बन्धित अधिकारियों के इन मिनिट्स पर बिना देखे हस्ताक्षर भी हो जाते हैं और आयुक्त की ओर से 06 जिलापूर्ति अधिकारियों के ट्रांसफर आदेश भी निकल जाते हैं.

यह आदेश संबंधित जिलाधिकारियों को ईमेल के माध्यम से उसी दिन 12:30 बजे से 1:00 बजे के बीच भेज भी दिए जाते हैं.

 बहुत हैरानी की बात है कि यह सारी कार्रवाही मात्र 1 घण्टा 30 मिनट में पूर्ण हो जाती है.

ट्रांसफर एक्ट में है सभी प्रावधान 

मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि जिस स्थानांतरण एक्ट का आयुक्त सचिन कुर्वे द्वारा हवाला दिया जा रहा है उन्हें यह ज्ञान ही नही है कि हमारी सरकार ने Zero टॉलरेंस नीति के तहत यह एक्ट इसलिए बनाया था ,कि सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के हितों/अधिकारों की रक्षा की जा सके.

इस एक्ट में सरकार द्वारा ट्रांसफर से सम्बंधित कार्यो के लिए सुगम दुर्गम का निर्धारण करते हुए समय सारणी तैयार की गई है.

जिसके तहत स्थानांनतरण हेतु पात्र कार्मिको तथा उपलब्ध रिक्त स्थानों की सूची वेबसाइट पर प्रदर्शित करना, अनिवार्य स्थानांतरण के पात्र कार्मिको से 10 इच्छीत स्थानों के विकल्प मांगे जाने की तिथि, अनुरोध के आधार पर आवेदन आमंत्रित करने की तिथि , प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाने की तिथि, स्थानांतरण समिति की बैठक तथा सक्षम प्राधिकारी को संस्तुति देने की अवधि , सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरण आदेश निर्गत करने की अंतिम तिथि ताकि हर अधिकारी/कर्मचारी को यह ज्ञात रहे कि उन्हें कब और किस दिनांक तक आवेदन करना है, तथा कब विभागीय स्थानांतरण समिति की बैठक होगी, कब उसकी सूची जारी होगी और कब उसे उत्तराखंड की विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा, उनके कार्यमुक्त/कार्य ग्रहण करने की अंतिम तिथि क्या है.

यह सब व्यवस्थाएं हमारी सरकार ने ट्रांसफर एक्ट में इसलिए दी हैं ताकि किसी भी उच्च स्तरीय अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियो के अधिकारों का हनन न किया जा सके.

हठधर्मिता व निजी स्वार्थ की ओर इशारा

आयुक्त सचिन कुर्वे द्वारा इन नियमों का पालन न करना सरकार द्वारा बनाये गए ट्रांसफर एक्ट का न सिर्फ खुला उल्लंघन है बल्कि यह उनकी हठधर्मिता एवं किसी निजी स्वार्थ की ओर इशारा करता है.

मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि हमारे देश का संविधान जिसके तहत हर विभाग में मंत्री इसलिए बनाये गए ताकि शासन या प्रशासन का इंस्पेक्टर राज कायम न हो सके चूंकि हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है.

यहां जनता ही सरकार है. विभागीय मंत्री का यह नैतिक दायित्व है कि अगर उसे विभाग के किसी भी निर्णय में कहीं से भी किसी निजी स्वार्थ व भ्रष्टाचार की बू आये तो उसे ऐसे आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए.

उपरोक्त प्रकरण में आयुक्त सचिन कुर्वे द्वारा न सिर्फ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के अधिकारों का हनन किया गया बल्कि सरकार के ट्रांसफर एक्ट का उल्लंघन किया गया साथ ही अपने विभागीय मंत्री के आदेशों की भी अवहेलना की गई है.

मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि सचिन कुर्वे के इस आचरण एवं सम्पूर्ण स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!