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पुलिस से आँख-मिचौली खेलने वाले जुगनू सहित देहरादून में छह चेन लूट के आरोपी गिरफ्तार

एक ही दिन में चेन झपट के लूटने की छह वारदात के चार मुख्य आरोपियों को आखिरकार उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया है.
एसएसपी देहरादून ने एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी है.
> 28 अप्रैल को हुई थी देहरादून में चेन लूट की वारदात
> डोईवाला,रायपुर,कैंट,पटेलनगर,प्रेमनगर,सेलाकुई की घटना
> आरोपियों को शरण देने के आरोप में दो पहले ही अरेस्ट
> सोनू,कन्हैया,बिल्लू और जुगनू पुलिस ने किये गिरफ्त्तार
> देहरादून के जंगल में छुपायी गयी थी लूट की चेन
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : बीती 28 अप्रैल को देहरादून के डोईवाला,रायपुर,कैंट,पटेलनगर,प्रेमनगर और सेलाकुई क्षेत्र में छह चेन लूट की घटना को अंजाम देने के आरोप में पुलिस ने सभी चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

चार दोस्तों को मिला लूट के बाद दोस्तों का सहारा

इस अपराध में जुगनू,सोनू,कन्हैया और बिल्लू मुख्य आरोपी हैं जिन्होंने दो बाइक का इस्तेमाल करते हुए अपराध किया

जिसके बाद पुलिस से बचने के लिए इन्होने दिल्ली में अन्य दोस्त सोनू यादव और गुलशन की मदद ली.

जुगनू ने पुलिस से आँख-मिचौली का राज उगला

पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर जुगनू उर्फ़ जोगेंद्र ने बताया कि वह मूल रूप से अहमदगढ़ थाना झिंझाना शामली उत्तर-प्रदेश का रहने वाला है.

जुगनू वर्तमान में देहरादून के सहसपुर क्षेत्र में चोर खाला मस्जिद के पास रहता है वह पहले छोटा हाथी चलाने का काम करता था

लेकिन लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी के कारण उसने छोटा हाथी बेचकर सहसपुर में एक खिलौने की दुकान खोल ली थी.

झिंझाना शामली में उसकी मुलाकात बिल्लू और कन्हैया से हुई जिनके साथ उन्होंने जल्दी पैसा कमाने के लालच में चेन स्नेचिंग की घटना करने की योजना बनाई.

फर्जी नंबर प्लेट की बाइक

28 अप्रैल की सुबह एक फर्जी नंबर प्लेट लगी मोटरसाइकिल पर वह देहरादून की ओर निकले जहां उन्होंने एक के बाद एक लगातार छह चेन लूट की घटना की है.

एक घटना में उनके हाथ में केवल चेन का पेंडल ही हाथ लगा.

इस वारदात को अंजाम देने के बाद इन्होंने सेलाकुई के पास जंगल में लूटी हुई चेनों को आपस में बांट लिया और सहसपुर के पास के जंगल में छुपा दिया.

पुलिस से बचने को बदलते रहे ठिकाने

यह चारों इस वारदात के बाद उत्तर-प्रदेश के शामली अंतर्गत झिंझाना आ गए इन्होंने दोनों बाइक को गांव के पास एक टिकरी में छुपा दिया.

पुलिस द्वारा उनकी तलाशी में जगह-जगह छापेमारी के डर से जुगनू और सोनू झिंझाना से दिल्ली भाग गए जबकि उनके दो अन्य साथी बिल्लू और कन्हैया झिंझाना में ही किसी गुप्त स्थान पर छुप गए.

दिल्ली में यह अपने एक अन्य साथी सोनू यादव के सोनिया विहार स्थित घर पर गए लेकिन वहां भी इन्होंने अपना ठिकाना बदलते हुए और पुलिस को चकमा देने की नीयत से किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की बात सोची.

सोनू यादव अपने ऑटो से इन्हें अपने एक अन्य साथी गुलशन के कमरे पर दिल्ली के महरौली में छतरपुर ले गया यह लगातार अपने ठिकाने बदलते रहे छतरपुर में एक रात रुकने के बाद सोनू और जुगनू को उनका साथी सोनू यादव अपने ऑटो से दिल्ली से बागपत होते हुए रुड़की ले आया .

रात को रुकने के बाद सुबह सोनू यादव उन्हें हाथी पुल पर छोड़ कर वापस चला गया.

पैसा खत्म और पुलिस गिरफ्तारी

पुलिस लगातार उनकी तलाशी में छापेमारी कर रही थी और पुलिस ने उनके शरण देने वाले दोनों दोस्तों सोनू यादव और गुलशन को गिरफ्तार कर लिया था.

ऐसे में पुलिस से बचने के लिए वह लगातार इधर-उधर छुपने में लगे हुए थे जिसमें उनका सारा पैसा समाप्त हो गया था इसलिए इन्होंने देहरादून में छुपाई गई सोने की चेन को लाकर बेचने का फैसला किया.

इसके लिए जब यह अपने दोनों अन्य साथियों कन्हैया और बिल्लू से संपर्क किया तो उन्होंने झिंझाना आकर मिलने को कहा हरिद्वार से सोनू और जुगनू बस से झिंझाना शामली पहुंचे और जैसे ही यह लोग कन्हैया और बिल्लू से मिलने उनके बताए गए स्थान पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.

 

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