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मोमबत्ती प्रशिक्षण से महिलाओं की जिंदगी में रोशनी बिखेरती “आशा और कुबेर” स्वयं सहायता समूह संस्था

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-प्रियंका सैनी

देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” के नारे को साकार करते हुए स्वयं सहायता समूह अग्रणी भूमिका निभा रहे है।

इसके द्वारा महिलाऐ न केवल आजीविका कमा रही है बल्कि एक सशक्त नारी के रूप में उभर रही है।

अभी भी बहुत उदहारण देखने को मिल जाते है की महिलाए केवल घर का चूल्हा चौका सभालती है उनके लिए घर से बाहर निकलना तो एक सपने जैसा है।

लेकिन स्वयं सहायता समूह ने यह सच करके दिखाया है।

डोईवाला में आशा और कुबेर स्वयं सहायता समूह द्वारा होली पर रंग बनाने हो या आगरबत्ती, गोबर से दिये, इत्यादि की समय समय पर महिलाओ को प्रशिक्षण देने काम करती है।

अब फेस्टिवल सीजन के लिए महिलाओं को तैयार करती आशा और कुबेर स्वयं सहायता समूह दीपावली के लिए कैंडल बनाने का प्रशिक्षण दे रही है।

और बाजार में इनके प्रोडक्ट बिक्री के साथ ही महिलाये आत्मनिर्भर बन रही है।

कल कैंडल प्रशिक्षण कान्हरवाला डोईवाला में आशा और कुबेर स्वयं सहायता समूह द्वारा दिया गया।

पूर्व सीएम और डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत कल कान्हरवाला पहुंचे और स्वयं सहायता समूह महिलाओं की हौसला आफजाई की।

उन्होने कहा कि सरकार स्वयं सहायता समूह बजट के लिए प्रतिबद्ध है।

सरकार समय समय पर एक्सिबिशन का आयोजन करती रहती है जिसमे  स्वयं सहायता समूह अग्रणी भूमिका में नजर आता है।

प्रशिक्षण देने वालो में आशा सेमवाल ,पूनम तोमर ,रीना चौहान ,मनीषा थापा ,संतोष नेगी ,

इंदु सती ,लक्ष्मी राणा ,सीमा राणा ,निर्मला ,अनीता चौहान ,अंतर कणिडयाल ,

झूमर आवत घुमा ,रोशनी भट्ट ,उषा भट्ट आदि महिलाये शामिल रही है।

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