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( कड़ी चेतावनी ) सरकारी हॉस्पिटल में “जेनेरिक औषधि” की जगह “ब्रांडेड दवा” प्रिसक्राइब करने पर खैर नही

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देहरादून : उत्तराखंड के सभी सरकारी हॉस्पिटल में जेनेरिक दवा प्रिसक्राइब करने को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक ने कड़ा पत्र लिखते हुये उच्च स्तर से कार्रवाई की चेतावनी दी है।

उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने बीती 18 अगस्त को सभी जिलों के सीएमओ और संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को विभागीय आदेश जारी किया है।

जिसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा आम जनता को न्यूनतम दर पर औषधि प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है।राज्य सरकार ने भी जन औषधि केंद्र खोले हैं। जहां से न्यूनतम दर पर दवा खरीदी जा सकती है।

स्वास्थ्य महकमे के द्वारा सभी चिकित्सालयों को समय-समय पर जेनेरिक औषधि प्रिस्क्राइब करने के लिए निर्देशित किया गया है।

बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आया है कि चिकित्स्कों के द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवा प्रिस्क्राइब नही की जा रही हैं।जो कि केंद्र राज्य सरकार के निर्देशों का उल्लंघन है।

स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने सभी जिलों के स्वास्थ्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि वो मरीज के ईलाज लिये जेनेरिक दवा प्रिस्क्राइब करना सुनिश्चित करेंगें।

उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि कोई चिकित्सक जेनेरिक दवा के स्थान पर ब्रांडेड दवा प्रिस्क्राइब करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ उच्च स्तर से कार्रवाई के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा।

अब देखने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य महानिदेशक की इस घुट्टी का ब्रांडेड दवा लिखने वाले चिकित्स्कों पर कितना असर होता है।

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