(रजनीश की रिपोर्ट) “नागरिकता” पर बहस के बीच,हरिद्वार के पंडे-पुरोहितों के पास 1 लाख बहियों में दर्ज हिन्दू वंशावली रिकॉर्ड
देश के सर्वश्रेष्ठ न्यूज़ चैनल “आज तक” से प्रशिक्षण प्राप्त
रजनीश सैनी द्वारा संचालित न्यूज़ वेब चैनल “यूके तेज़”
से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप्प मैसेज करें 8077062107
उत्तराखंड (हरिद्वार) : देश भर में “नागरिकता कानून” को लेकर छिड़ी बहस और शोर के बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से हरिद्वार के पण्डे-पुरोहित हिन्दू-वंशावली का रिकॉर्ड सहेजकर रखे हुए हैं।
यूं तो चीन और कोरिया भी अपना लिनीऐज रजिस्टर मेन्टेन करता है लेकिन हमारे देश का रिकॉर्ड अद्भुत है।
धर्म नगरी हरिद्वार में अतीत के पूर्वजों की जड़ें हिन्दू वंशावली के रूप में बही में सहेजकर रखी जाती हैं।
आप पूरा विडियो देखियेगा :—-
पूजा और कर्मकाण्ड कराने वाले ब्राह्मण को पंडा कहा जाता है।यही पंडे फैमिली ट्री का रिकॉर्ड रखते हैं।
हरिद्वार के लगभग 2500 पुरोहितों के पास हैं 1 लाख बहिया :—
पंडित उमाशंकर वशिष्ठ ने बताया कि हरिद्वार में लगभग 2500 पुरोहित हैं जो देश के सभी क्षेत्रों का रिकॉर्ड रखते हैं।
हमारे यहां 250 से 300 वर्ष का रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाता है।
यहां लगभग 13-14 पीढ़ी का रिकॉर्ड आसानी से मिल जाता है।
मेरे पास उत्तराखंड के गढ़वाल,पंजाब,राजस्थान का रिकॉर्ड है।
हरिद्वार में लगभग 1 लाख बही पुरोहितों के पास हैं।
बही को है कानूनी मान्यता :—-
हमारी जानकारी के मुताबिक इन बहियों को क़ानूनी मान्यता है
जिन्हे भारतीय न्यायपालिका एविडेंस यानि की सबूत के तौर पर स्वीकार करती है।
कईं कोर्ट केसेस के निपटारे में ये बहिया बेहद काम की साबित होती हैं।
पंडित पन्नालाल कुम्भकरण के पास है “देहरादून” का रिकॉर्ड :—-
हरिद्वार के पंडित कुम्भकरण की पांचवी पीढ़ी के देवल शर्मा ने बताया
कि,”हिंदी की बारहखड़ी के अनुसार बही की इंडेक्सिंग की जाती है।
जिस तरह इंग्लिश में डिक्शनरी मोड होता है ठीक उसी तरह हिंदी की बारहखड़ी होती है।
पहले गांव का नाम,तहसील,जाति के बाद पन्ना नंबर लिखा होता है जिसे देखकर मेन बही को खोला जाता है।
पन्नालाल कुम्भकरण के पास देहरादून के अलावा मध्य प्रदेश,राजस्थान,बिहार का रिकॉर्ड प्रमुख रूप से है।