देहरादून : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा की देश,मानव सभ्यता आदि समय-समय पर संक्रांति के दौर से गुज़रे हैं।उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों,दार्शनिकों,वैज्ञानिकों ने देश,समाज के रूपांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आध्यात्म के क्षेत्र में भारत ने एक विश्व गुरु के रूप में समस्त मानव सभ्यता का मार्ग प्रशस्त किया है। श्री निशंक ने कहा कि कोई भी परिवर्तन या रूपांतरण उच्च आदर्शो की प्राप्ति के लिए हो।
हरिद्वार लोकसभा सांसद निशंक आज प्रणव मुख़र्जी फाउंडेशन,क्रीड और एसआरएचयू द्वारा आयोजित “शांति,सदभावना और आनंद:संक्रांति से रूपांतरण की ओर” विषय पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन अपना संबोधन दे रहे थे।
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इससे पूर्व प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सम्मेलन में कहा कि समाज के विकास के लिए योजनाओं में परिवर्तन किया जाता है। जरूरी है कि व्यक्ति केंद्रित योजनाएं हों ताकि समाज के हर तबके के व्यक्ति को इसका फायदा मिला।
इन्होने किया सम्बोधित : सम्मेलन को प्रो.एसआर हासिम, डॉ.विजेंद्र चौहान, प्रो.एके नंदा, प्रो.प्रियंकर उपाध्याय, प्रो.मोहम्मद खालिद, प्रो.बीके जोशी, प्रो.आरएस संधू, प्रो.कुमूल अब्बी, प्रो.पार्थो एस घोष, प्रो.आरएस घुमान सहित दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.सीएस नौटियाल ने संबोधित किया।
प्रमुख रूप से उपस्थित रहे :डॉ.सुनील सैनी, ओएसडी साधना मिश्रा, रजिस्ट्रार नलिन भटनागर, चिकित्सा अधीक्षक डॉ.वाईएस बिष्ट