CrimeDehradunUttarakhand

“फर्जी डॉक्टर” मामले में शामिल भारतीय चिकित्सा परिषद के 3 कर्मचारी देहरादून से गिरफ्तार

देहरादून पुलिस ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो को फर्जी डॉक्टर प्रकरण में संलिप्तता पाये जाने पर गिरफ्तार किया है.
वेब मीडिया के विश्वनसीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून : फर्जी आयुर्वेदिक डॉक्टर मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स की टीम के द्वारा इस मामले में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड देहरादून में नियुक्त तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है.

क्या बताया पुलिस जाँच टीम को

इस मुकदमे में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो विवेक रावत, अंकुर महेश्वरी और विमल प्रसाद को पूछताछ करने के लिये थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में बुलाया गया था। जिनके द्वारा इस केस के संबंध में पूछताछ करने पर अपने-अपने बयानों में बताया कि हम तीनो ने इमलाख के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बांटी तथा फर्जी रजिस्ट्रेशन किये.

इमलाख किसी को बीएएमएस की डिग्री देने के बाद चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करता था और सम्बंधित इंस्टीट्यूट के प्रमाण पत्र, लिफाफे आदि हमें सीधे उपलब्ध कराता था.

जिस पर हम लोग ही पत्राचार, पता इत्यादि का अंकन, पृष्ठांकन स्वयं ही करते थे, तदोपरांत रजिस्ट्रेशन की प्रति स्वयं ही इमलाख को उपलब्ध करा देते थे.

तो ये था फर्जीवाड़े के खेल का तरीका

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण, वैयक्तिक सहायक विवेक रावत व अंकुर महेश्वरी के माध्यम से सारे कागज जमा होते थे.

फिर हम लोग ही वेरिफिकेशन फाइल तैयार कर जिस यूनिवर्सटी की डिग्री होती थी, उस यूनिवर्सिटी के लिए एवं जिस राज्य की डिग्री होती थी, उस बोर्ड में भी वेरफिकेशन के लिए फाइल डाक से भेजते थे.

फाइल में हम लोग कुछ न कुछ कमी रखते थे, जिससे यूनिवर्सिटी वाले उक्त फाइल को वापस नही करते थे।

डाक से भेजने के कुछ दिन बाद इमलाख कर्नाटक, बिहार और राजस्थान आदि स्थानों पर जाता था और फिर इमलाख कूटरचित तरीके से फर्जी एनओसी तैयार करवाता था,

जिसे वह उसी यूनिवर्सिटी के बाहर तथा उसी राज्य से वापस चिकित्सा परिषद के लिए डाक से पोस्ट करता था और जब यही फाइल चिकित्सा परिषद देहरादून में पहुंचती थी तो उस फर्जी एनओसी के आधार पर ही हम उनका रजिस्ट्रेशन चिकित्सा परिषद में करवा देते थे.

हम लोगों को इस काम के प्रति वैरिफिकेशन व एनओसी के हिसाब से 60,000/- रुपये मिलते थे। इस काम में जो भी पैसे हमे मिलते थे, उसे हम लोग आपस में बाँट लेते थे.

पुलिस टीम ने बरामद किये अहम सबूत

पूछताछ के आधार पर विमल प्रसाद द्वारा अपने निवास स्थान सिद्ध विहार देहरादून मे ले जाकर एक अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद करवाए गये.

अंकुर महेश्वरी के घर हरीपुर नवादा से अभियुक्त अंकुर महेश्वरी की निशानदेही पर एक अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद हुए व विवेक रावत द्वारा अपने आवास 183 ऑफिसर कॉलोनी रेस कोर्स से 04 अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद करवाए गये।

घटना में प्रयुक्त दस्तावेज, सील (मोहरे) आदि सहित अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया गया है.

इन्हें किया गया गिरफ्तार

1- विमल प्रसाद पुत्र स्वर्गीय श्री पद्म दत्त बिजल्वान निवासी गली नंबर 8 फेस -2 सिद्ध विहार लोअर नेहरूग्राम, मूल निवासी ग्राम बागी पट्टी बमुंडा जनपद टेहरी गढ़वाल, उम्र 37 वर्ष

2-अंकुर महेश्वरी पुत्र स्वर्गीय श्री प्रदीप कुमार महेश्वरी निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कॉलोनी जनपद देहरादून, मूल पता- सिकंदराराऊ थाना-सिकंदराराऊ जिला हाथरस उत्तर प्रदेश उम्र 43 वर्ष

3-विवेक रावत पुत्र स्वर्गीय श्री रामनारायण रावत निवासी 183 ऑफिसर्स कॉलोनी रेस कोर्स देहरादून मूल पता- ग्राम अजनर थाना- अजनर जिला महोबा उत्तर प्रदेश, उम्र 43 वर्ष

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!