विधानसभा की 228 नियुक्तियां निरस्त ,विधानसभा सचिव तत्काल प्रभाव से निलंबित

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आरपी सिंह ‘ तेज’
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर भर्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर गठित की गई जांच समिति के द्वारा अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को सौंप दी गई है
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया है कि जैसे मेरे द्वारा पूर्व में कहा गया था कि मैं युवाओं को निराश नहीं होने दूंगी उसी के अनुरूप कार्य किया गया है विधानसभा में की गई तदर्थ नियुक्तियों को लेकर एक जांच समिति गठित की गई थी जिसके द्वारा समय से पूर्व अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है
इस समिति के द्वारा 20 दिनों तक शनिवार इतवार की परवाह किए बिना निरंतर कार्य किया गया है जिसमें विधानसभा के अफसरों के द्वारा भी सहयोग किया गया है
जांच समिति के द्वारा विधानसभा तदर्थ नियुक्तियों में अनियमितताओं को पाया गया है जिसमें निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया है जांच समिति के द्वारा भारतीयों को लेकर विभिन्न कोर्ट डिसीजन का भी हवाला दिया गया है
जांच समिति के द्वारा 2014 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें संलग्न एक भी हैं इसके अंश 29 पेज के हैं
यह अनियमितताएं पाई गई हैं
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा है कि विधानसभा मैं तदर्थ नियुक्तियों को लेकर निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया है तदर्थ सेवा के लिए निर्धारित चयन समिति का गठन नहीं किया गया है इसके लिए विज्ञापन सार्वजनिक सूचना रोजगार कार्यालय से नाम मंगाना इच्छुक अभ्यर्थी से नाम नहीं मंगवाए गए हैं अपितु व्यक्तिगत नाम मंगवाए गए हैं जिससे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन हुआ है उत्तराखंड कार्मिक विभाग के वर्ष 2030 के शासनादेश के अनुसार भी इस प्रकार की नियुक्तियों पर तत्काल रोक लगा दी गई थी इसके विपरीत कार्य किया गया है
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने पत्रकारों को बताया कि वह विधानसभा तदर्थ नियुक्तियों की जांच को लेकर गठित की गई समिति की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए वर्ष 2016 तक की 150 वर्ष 2020 में 6 और वर्ष 2021 की बेहतर प्रदर्शन नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय ले रही है
श्रीमती खंडूरी ने कहा क्योंकि इन नियुक्तियों को शासन का अनुमोदन प्राप्त है इसलिए इन नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए शासन का अनुमोदन लिया जाएगा जिसके लिए तत्काल अनुरोध किया जा रहा है
32 पदों की भर्ती की होगी जांच
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा है कि यद्यपि 32 पदों के लिए करवाई गई परीक्षा गठित की गई जांच समिति के दायरे में नहीं थी फिर भी जांच के दौरान यह सामने आया है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए लखनऊ की जिस एजेंसी का चयन किया गया उस पर पेपर लीक के आरोप हैं और पूर्व में 5 परीक्षाएं पेपर लीक के चलते रद्द की गई है इस एजेंसी पर अनेक वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं
इन नियुक्तियों को लेकर विधानसभा सचिव की भूमिका भी संदेह में रही है इसलिए विधानसभा सचिव को तत्काल निलंबित किया जा रहा है जिसके आदेश जारी किए जा रहे हैं