“अंकिता भंडारी केस” से संबंधित सोशल मीडिया तथ्यों को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण
Uttarakhand Police has issued a clarification regarding social media claims related to the "Ankita Bhandari case".

Uttarakhand Police has issued a clarification regarding social media claims related to the “Ankita Bhandari case”.
देहरादून,27 दिसंबर 2025 :उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के संबंध में स्थिति स्पष्ट की है.
ADG (LO) डॉ. वी. मुरुगेशन ने अंकिता भंडारी हत्याकांड से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे भ्रामक एवं तथ्यहीन विवादों के संबंध में कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं संवेदनशील घटना थी,
जिसकी जानकारी सरकार को प्राप्त होते ही तत्काल प्रभावी कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा तत्काल एक वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।
घटना में संलिप्त सभी अभियुक्तों को शीघ्र गिरफ्तार किया गया त
था यह सुनिश्चित किया गया कि प्रभावी पैरवी के माध्यम से अभियुक्तों को किसी भी स्तर पर जमानत न मिल सके।
विवेचना एवं ट्रायल की प्रक्रिया के दौरान यह प्रकरण उच्च न्यायालय के समक्ष भी प्रस्तुत हुआ,
जहाँ सीबीआई जांच कराए जाने संबंधी याचिका दायर की गई।
उच्च न्यायालय द्वारा एसआईटी जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी एवं विधिसम्मत मानते हुए सीबीआई जांच की आवश्यकता से इनकार किया गया
तथा याचिका को खारिज कर दिया गया।
इसके पश्चात यह मामला उच्चतम न्यायालय में भी प्रस्तुत किया गया,
जहाँ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी विवेचना की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए सीबीआई जांच की याचिका को निरस्त कर दिया गया।
एसआईटी द्वारा की गई विस्तृत विवेचना के उपरांत निचली अदालत में सुनवाई हुई,
जिसमें दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
वर्तमान में यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
हाल ही में इस प्रकरण से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं।
इस संबंध में पुलिस द्वारा दो प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं,
जिनकी विवेचना प्रचलित है।
विवेचना के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे,
उनके आधार पर विधि सम्मत एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
एडीजी कानून एवं व्यवस्था ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई तथ्य, साक्ष्य या महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध थी, तो उसे विवेचना के दौरान एसआईटी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता था।
यही एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी है।
उस समय भी पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से अपील की गई थी कि यदि किसी के पास इस प्रकरण से संबंधित कोई भी जानकारी, तथ्य अथवा साक्ष्य उपलब्ध हों, तो वे जांच एजेंसियों के साथ साझा करें।
उन्होंने पुनः अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में दर्ज प्रकरणों की विवेचना जारी है.
और यदि किसी भी व्यक्ति के पास इस संबंध में कोई प्रामाणिक जानकारी या साक्ष्य उपलब्ध हों,
तो वे जांच एजेंसियों को उपलब्ध करा सकते हैं।
डॉ. मुरुगेशन ने कहा कि यह प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है तथा राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि इसकी निष्पक्ष, पारदर्शी एवं पूर्ण जांच सुनिश्चित की जाए।
सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतेंगे और कानून के अनुरूप कठोर कार्रवाई की जाएगी।









