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ग्राम्य विकास मंत्री ने विभाग के 100 दिनों के कामों की प्रगति की पड़ताल की

धामी – 2 सरकार के मंत्री अपने विभागों के अंतर्गत ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को सिद्ध करने में जुटे दिखाई दे रहे हैं।
आज ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं के तहत 100 दिनों की कार्ययोजना में लिए गए लक्ष्यों की विस्तृत चर्चा की।
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : विभागीय प्रस्तुतिकरण पर विचार विमर्श के उपरांत ग्राम्य विकास मंत्री ने निम्नानुसार आगामी 5 साल का वीजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए विभागवार निर्देश जारी किए।

महिला स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाने पर विशेष जोर –

 राज्य में ‘‘एनआरएलएम’’ के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों विशेष तौर पर महिला समूहों की आय को बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है?

 एसएचजी द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को एक अम्ब्रेला ब्राण्ड के अंतर्गत ला कर उसे राज्य के ब्राण्ड के तौर पर मार्केट किए जाने हेतु विशेषज्ञों की मदद ली जाए।

सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बांटी जाएगा लाभार्थी अंशदान-

‘‘अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि (आईफैड)’’ द्वारा सहायतित 771 करोड़ की ‘‘रूरल इंटप्राइज एक्सलरेशन प्रोग्राम (रीप)’’ योजना का होगा औपचारिक लांच।

 ग्राम्य विकास विभागांतर्गत विभिन्न योजनों के चयनित लाभार्थियों को 30 जून को आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में बांटे जाएंगे योजना से संबंधित चैक।

 ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)’’ के तहत राज्य में तैयार 5000 आवासों का होगा लाभार्थियों को आवंटन।

 ‘‘दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना (ग्रामीण)’’ के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त 50 लाभार्थियों को देहरादून में दिया जाएगा नियुक्ति पत्र।

महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने हेतु 29 जून को रायपुर में स्टेट लेवल आउटलेट का किया जाएगा उद्घाटन।

इस केन्द्रीयकृत स्टोर के उद्घाटन के अवसर पर ही महिला स्वयं सहायता समूहों को आय संवर्धन तथा व्यवसाय के सफलता पूर्वक संचालन हेतु, रिवाल्विंग फण्ड तथा कम्युनिटी इवेस्टमेंट फण्ड भी वितरित किया जाएगा।

विभागों का समन्वय आवश्यक कड़ी-

यह भी निर्देशित किया गया कि एक ही विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का अधिकतम लाभ करर्वजेंस के माध्यम से लाभार्थियों को दिलाया जाए।

राज्य के नागरिकों को अधिकतम लाभ दिलाने के लिए उद्यान विभाग, भेषज, कृषि विभाग मशरूम उत्पादन तथा ग्राम्य विकास विभागांर्तगत संचालित विभिन्न योजनाओं का कनर्वजेंस किया जाए।

पीएमजीएसवाई-

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाली सड़ाकों हेतु तय मानकों के अनुसार गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ठेकेदारों द्वारा सबलैट करने की प्रवृत्ति पर सख्ती से लगाम लगाई जाए।

योजनाओं के प्रचार प्रसार पर फोकस –

ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि अधिकांश लोग योजनाओं का लाभ लेने से इसलिए वंचित रह जाते हैं क्योंकि उन्हें योजनाओं की जानकारी ही नहीं मिल पाती।

इसलिए योजनाओं को सरल और सहज भाषा में आम नागरिकों तक पहुंचाया जाए। इस हेतु सोशल मीडिया का अधिकतम प्रयोग किया जाए। तथा ग्राम्य विकास की सभी योजनाओं की जानकारी देने वाला न्यूज लेटर निकाला जाए।

इस दौरान ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप अपर सचिव रीना जोशी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीएमजीएसवाई, उदय प्रकाश, मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई आरपी सिंह, उपायुक्त ग्राम्य विकास वीएस राजपूत तथा अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे

 

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