2000 साल पहले थी बौद्ध भिक्षुओं के गुप्त रहस्यो की विद्या, अब मिलेगी ट्रेनिंग

रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी ) के लिए प्रशिक्षण कैम्प होंगे आयोजित: महाराज
उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक
रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी ) के लिए चलेगा प्रशिक्षण सत्र
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों देंगे प्रशिक्षण
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रजनीश प्रताप सिंह
देहरादून :
बौद्ध भिक्षुओं का अनुभव और ज्ञान
बौद्ध भिक्षु अपनी कठिन साधना के लिये दुनिया भर में जाने जाते हैं
इसी साधना के दौरान विपरीत परिस्थितयों और अति दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में उनके शरीर में होने वाले विभिन्न विकार और रोगों का वह प्राकृतिक रूप से निदान कर लिया करते थे
ये प्राकृतिक चिकित्सा की वो पद्धति हैं जो हजारों वर्षों तक आम जनता की पहुंच से दूर रही हैं
लेकिन अब बदलते समय के दौर में बौद्ध भिक्षुओं की यह गुप्त विधाएं वैज्ञानिक कसौटी पर कस-परखने के बाद व्यवहारिक रूप में सुलभ हो रही हैं
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज अब ऐसी ही एक विद्या को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहे हैं
2,000 साल ज्ञान बौद्ध भिक्षुओं के थे गुप्त रहस्य
सतपाल महाराज ने कहा कि पैरों की मसाज करने से तनाव काफी कम हो जाता है।
यह चिकित्सा ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है और व्यक्ति को शांति और आराम मिलता है।
कई लोग बीमारी के शारीरिक लक्षणों, जैसे कि सिरदर्द, थकान और अनिद्रा के साथ मदद करने के लिए रिफ्लेक्सोलॉजी उपचार की तलाश करते हैं।
यह भी कहा जाता है कि इस 2,000 साल पुरानी मालिश चिकित्सा का ज्ञान और तकनीक बौद्ध भिक्षुओं के गुप्त रहस्य थे। जिन्हें जीवित रखा गया और पीढ़ियों से पारित किया गया।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से चार धाम और अन्य स्थानों पर जाने वाले हमारे तीर्थयात्रियों के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी ) के लिए प्रशिक्षण सत्र का किया आयोजन
रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों जगह होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 70 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 नवंबर से शुरू किया गया है
कहाँ होगा प्रशिक्षण
चार धाम यात्रा और 15 चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरेपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा।
निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।
क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) हमारी प्राचीन चिकित्सा है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा है, जो भारत साहित अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है।
उन्होने कहा कि रिफ्लेक्सोलॉजी एक ऐसी थ्योरी पर काम करती है जो शरीर के अंगों और तंत्रों से जुड़ी होती है। शरीर के कुछ अंगों पर दबाव देने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं।
रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किये अंगूठे, अंगुली और हस्त तकनीक द्वारा पैर और हाथ पर दबाव डाला जाता है।
खुलेंगे रोजगार के द्वार
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से चार धाम और अन्य स्थानों पर जाने वाले हमारे तीर्थयात्रियों के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलॉजी के लिए 150 से 300 रुपये लेते हैं और प्रति दिन 1000 से 1500 रुपये तक कमा सकते हैं।
इतना ही नहीं इससे तीर्थयात्रियों ,पर्यटकों,ट्रेकरों को देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों पर चलते हुए बहुत राहत भी मिलेगी। दुनिया भर में बड़ी संख्या में रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट इस तरह की सुविधा दे रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के एसीईओ अश्वनी पुण्डीर आदि उपस्थित थे।